भाग 2 :- Santa In Hindi ( Real Story Of Santa Claus )
तो आज हम बात करने वाले है सांता ( Real Story Of Santa Claus ) भाग 2 के बारे में सांता ( Real Story Of Santa Claus ) के भाग 1 में आपने सांता ( Real Story Of Santa Claus ) से जुडी कुछ मुखिया बातें जानी लेकिन आज हम आपको की भाग 2 में सांता की पूरी की कहानी बताने वाले है और सांता ( Real Story Of Santa Claus ) से जुडी हर छोटी और मुखिया बातें हम आपको बताने वाले है ।
हम जानते है आपके मन में ये सवाल उठ रहा होगा की हमने इस सांता ( Real Story Of Santa Claus ) की कहानी के 2 भाग क्यों रखे है ? ये सब हम आपको सांता ( Real Story Of Santa Claus ) के उस भाग 1 में भी तो बता सकते थे।
लेकिन ऐसा नहीं है अगर ये सब जानकारी हम आपको उस सांता ( Real Story Of Santa Claus ) के भाग 1 में बता देते तो आपको कुछ भी समझ नहीं आता तो हमने सांता ( Real Story Of Santa Claus ) के भाग 1 में सिर्फ कुछ जरुरी जानकारी बताई लेकिन आज हम आपको सांता ( Real Story Of Santa Claus ) भाग 2 में सांता ( Real Story Of Santa Claus ) से जुडी हर जानकारी देने वाले है ।
तो आज हम लोगो द्वारा पूछे गए सभी प्रश्नो के भी उतर देंगे अथवा इसमे आपको सांता ( Real Story Of Santa Claus ) की ज़िंदगी से जुडी हर छोटी और बड़ी बातें बताएंगे जो आपको किसी यूट्यूब चैनल या आर्टिकल पर नहीं मिलेगी।
क्रिसमस के दिन यानी की येशु का जन्म हुआ था इसके खुशी में सभी दुनिया वासी ख़ुशी और हर्ष-उल्लास में क्रिसमस मानते है लेकिन अगर देखा जाए तो सांता ( Real Story Of Santa Claus ) के बिना तो क्रिसमस ही अधूरा है अगर इसको आसान शब्दों में कहे तो सांता ( Real Story Of Santa Claus ) के बिना बच्चो का क्रिसमस ही अधूरा है और बच्चो के लिए तो क्रिसमस का मतलब ही सांता ( Real Story Of Santa Claus ) है लेकिन अब बात आती है की ये सांता ( Real Story Of Santa Claus ) है कौन जो येशु के जन्म दिन पर बच्चो और जरुरत मन्दो को तोफे बाटते है लेकिन अब देखा जाए तो सांता ( Real Story Of Santa Claus ) स्वयं जीसस तो नहीं है क्युकी बाइबिल में सांता ( Real Story Of Santa Claus ) का शब्द का जिक्र कही भी नहीं दिया हुआ है क्युकी अगर सांता ( Real Story Of Santa Claus ) जीसस होते तो बाइबिल में जीसस का सांता ( Real Story Of Santa Claus ) रूप का जिक्र जरूर किया होता।
लोगो की मान्यताओं के अनुसार अगर देखा जाए तो क्रिसमस त्यौहार जीसस की मृत्यु के कई सालो बाद मनाया गया था। लेकिन कहतें है जब येशु ( जीसस ) जीवित थे तो उनके जन्म यानी क्रिसमस को त्यौहार के रूप में नहीं मानते थे , अगर सही माईने में देखा जाए तो वो जीसस नहीं थे नहीं थे जो सांता ( Real Story Of Santa Claus ) बन कर बच्चो को गिफ्ट देते थे।
:- तो आज हम अपने इस आर्टिकल में यही समझने की कोशिश करेंगे की अगर येशु ( जीसस ) सांता ( Real Story Of Santa Claus ) नहीं है तो तो आखिर सांता कौन है ?
हलाकि सांता ( Real Story Of Santa Claus ) को लेकर कोई पक्का सबूत और कोई पक्का प्रमाणित तो नहीं यही लेकिन शुरू से चली आ रही सभी प्रकार की लोकथाएं उनके अनुसार पर आज हम आपको सांता ( Real Story Of Santa Claus ) के सभी रहस्य पर से पर्दा उठाने वाले है तो हम सांता ( Real Story Of Santa Claus ) की कहानी को टटोटलते है और सांता ( Real Story Of Santa Claus ) की कहानी जानने की कोशिश करते है
तो सांता को लेकर जो अब तक सबसे प्रचलित कहानी बताई जाती है वो है ( सेंट निकोलस ) की [ हम जानते है आपके मन में ये सवाल उठ रहा होगा की हम तो पहले से ही इस सांता ( Real Story Of Santa Claus ) की कहानी से वाकिफ नहीं थे और अब ये सेंट निकोलस की कहानी कहा से आगयी , तो चिंता मत कीजिये हम आपको सेंट निकोलस अथवा येशु ( जीसस ) की कहानी इस आर्टिकल के last में पूरी तरह बता देंगे की की वो कौन थे और उनका इतहास क्या था ये हम आपको आर्टिकल के आखिर में बताएंगे ] सेन्ट निकोलस का जन्म तीसरी सदी में येशु ( जीसस ) की मृत्यु के 200 साल बाद हुआ था , सेंट निकोलस के माता-पिता का देहांत उनके बचपन में ही हो गया था ।
लेकिन ( सेंट निकोलस ) ने अपना पूरा जीवन मानव सेवा में समर्पित कर दिया वैसे तो सेंट निकोलस को भी लेकर बहुत सी कहानी प्रचलित है मगर ( सेंट निकोलस ) बच्चो को तौफे देना बड़े-बुजुर्गो की मादा करना उनको बेहद ही पसंद था लेकिन प्रचलित मनोताओ के अनुसार उनका कह ना ये है ये की ( सेंट निकोलस ) ही सेंटा है लेकिन गौर करने वाली बाते ये है की जब सेंट निकोलस को जब तौफे बाटने और सभी लोगो की मदद करना इतना ही पसंद था तो वो ये काम छुप कर क्रिसमस के दिन ही क्यों करते थे ?
लेकिन अब सबसे हैरान कर करने वाली बात ये है की बात ये है की बाकी के आम दिनों में वो सभी लोगो की मदद करने के लिए सामने आते मगर क्रिसमस के दिन रात को छुप कर तोफा देते ये सवाल सेंट निकोलस के सांता ( Real Story Of Santa Claus ) होने पर सवाल खड़े करता है लेकिन जो ये लोग मानते है की सेंट निकोलस ही सेंटा है और लोगो का कहना है की शायद सेंट निकोलस बच्चो की ख़ुशी दोगिनी करने के लिए करते हो , क्युकी अगर कुछ भी अचानक मिलता है तो खुशी दोगिनी होती है जी हां ये है सांता ( Real Story Of Santa Claus ) को लेकर पहली कहानी।
तो अब सांता ( Real Story Of Santa Claus ) को लेकर जो दूसरी कहानी बताई जाती है वो पड़ने के बाद आपको अपनी आँखों पर विश्वास नहीं होगा , दूसरी कहानी ये कहती है की खुद साटन ( satun ) जिसको शैतान या डेविल ( devil ) कहा जाता है वही डेविल ( devil ) जिसको ईश्वर ने स्वर्ग से निकाल कर नर्क में धकेल दिया था वही डेविल ( devil ) सांता ( Real Story Of Santa Claus ) बन कर खुद बच्चो को तौफे देता है जी हां हम जानते है की ये पड़ कर यु तो किसी को भी यकीन नहीं होगा लेकिन इस बात को साबित करने के लिए कई आधार भी दिए गए है ये सभी जानकारी आपको इंटरनेट पर सांता ( Real Story Of Santa Claus ) के विकिपीडिया पर मिल जाएगी मगर जो हम आपको बताने वाले है अथवा जो जानकारी आपको देने वाले है ये सभी जानकारी हमारी टीम ने जांच-पड़ताल करने के बाद ही दी है ।
तो चलिए अब हम आपको बताते है की सैटर्न को सांता ( Real Story Of Santa Claus ) क्यों कहा जाता है ( satun ) को सांता ( Real Story Of Santa Claus ) क्यों कहा जाता है ?
दअरसल ( satun ) और ( Real Story Of Santa Claus ) इन दोनों शब्दों में बहुत ज्यादा समानता है क्युकी अगर आप गौर करे तो ( santa - satun ) सांता ( Real Story Of Santa Claus ) शब्द के बीच वाले लेटर ( N ) को आखिर में ले जाया जाए तो वह ( satun ) बन जाता है। और दूसीर बात जो ( satun ) को सांता ( Real Story Of Santa Claus ) साबित करने के लिए कही जाती है वो है क्रिसमस पर गाया जाने वाला ( jingle bells ) गाना लेकिन कितनी अजीब बात है की क्रिसमस पर येशु ( Jesus ) का जन्म हुआ था लेकिन क्रिसमस पर जो ( jingle bells ) गाना गाया जाता है उसमे ( Jesus ) तो क्या उनके नाम और जन्म का तक जिक्र नहीं है अथवा ( jingle bells ) के पूरे गाने में एक बार भी ( Jesus ) का जिक्र कही भी नहीं करा गया।
लेकिन वे लोग क्रिसमस पर जीसस से नहीं बल्कि सांता ( Real Story Of Santa Claus ) से तौफे मांगते है अथवा अपनी सभी इच्छा और सभी मनोकामनाएं सांता ( Real Story Of Santa Claus ) को बताते है और यही डेविल का उद्देश्य था की ये लोग जीसस से प्राथना ना करे इस बार पर भी गौर करे की शैतान को बाइबिल में ज्यादा जगह नहीं दी गयी है और सांता ( Real Story Of Santa Claus ) का नाम भी बाइबिल में कही नहीं आता इसके अलावा सांता ( Real Story Of Santa Claus ) को शैतान साबित करने के लिए जो बात कही जाती है वो ये है की शैतान अँधेरे का राजा है और सांता ( Real Story Of Santa Claus ) भी आधी रात को बच्चो के लिए तौफे रख कर जाता है वही जानकारों का ये भी कहना है की तौफे , पैसे ये सब इंसान और बच्चो को लालची बनती है उन्हें मोक्ष से दूर करके लालच की और ले जाती है ।
और लालच यानी की ( Greed ) बाइबिल में दिए गए डेडलिनेस में से एक है खुद बाइबिल ही ये कहती है कि यानी कि पाप का सीधा नाता शैतान से है , शुरू से चली आ रही मान्यताओं के अनुसार कहा ये भी जाता है कि सांता ( Real Story Of Santa Claus ) सेंट शब्द से निकला है सेंट यानी कि होली ( Holy ) होली का मतलब होता है पवित्र , और शैतान तो हमेशा से कहता आया है कि वो ईश्वर से ज्यादा ताकतवर और पवित्र है और वैज्ञानिको द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार उनका ये भी कहना है कि शैतान ने कभी बच्चो को नुक्सान नहीं पहुंचाया है शैतान को बच्चे बहुत प्यारे है इसलिए वो क्रिसमस पर सिर्फ बच्चो को ही तौफे देता है बड़े या बूढ़ो को नहीं ।
इन सब बातो को लेकर बाइबिल के कुछ जानकार ये कहते है कि क्रिसमस पर जीसस से लोगो का ध्यान हटाने के लिए शैतान सांता ( Real Story Of Santa Claus ) के रूप में आता है ताकि लोग जीसस का नहीं सतून का गुणगान करे यानी की सांता ( Real Story Of Santa Claus ) का गुणगान करे अगर वाकई ये सच यही तो हम यहाँ ये जरूर कहेंगे की शैतान अपने मकसद में पूरे तरीके से कामियाब भी हो गया है क्युकी आज की जनरेशन से आज के बच्चो से क्रिसमस का मतलब पूछेंगे तो वो आपसे कहेंगे सांता ( Real Story Of Santa Claus ) अंकल आते यही और हमे ढेर सारे तौफे देते है।
तो ये है सांता ( Real Story Of Santa Claus ) को लेकर दो सबसे प्रचलित कहानिया पहली ये कहती है सेंट निकोलस सांता ( Real Story Of Santa Claus ) है , और दूसरी ये कहती है की शैतान सांता ( Real Story Of Santa Claus ) है आपको किस कहानी पर विश्वास है ये आपकी मर्ज़ी और आपकी आस्था पर निर्भर करता है
तो ये थी सांता ( Real Story Of Santa Claus ) की पूरी कहानी जिसमे हमने आपको सांता ( Real Story Of Santa Claus ) से जुडी हर छोटी से छोटी बात खुल कर और अच्छे से समझायी है । तो चलिए अब हम इसमे बताये गए [ येशु ( जीसस ) ] और [ सेंट निकोलस ] की कहानी भी बता देते है ताकि सांता ( Real Story Of Santa Claus ) में ये [ येशु ( जीसस ) ] और [ सेंट निकोलस ] का ज़िक्र किया गया है ये कौन थे ।
जीसस :- ( Jesus ) ( Real Story Of Santa Claus )
तो अब हम आपको जीसस की पूरी कहानी बताने वाले है की उनका जन्म कैसे हुआ और मृत्यु कैसे हुई और वो कौन थे और वो यहाँ धरती पर किस मकसद से आये थे ( Real Story Of Santa Claus )
परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम किया की उन्होंने अपना एकलौता पुत्र दे दिया ताकि जो कोई उन पर विश्वास करे वो नाश ना हो पर परन्तु अनंत जीवन पाए परमेश्वर ने अपने पुत्र को जगत पर दोष लगाने नहीं परन्तु इसलिए भेजा की जगत उनके द्वारा उधार पाए आज येशु मस्सी के एक अरब से अधिक अनुवयायी है विश्वास का विनम्र प्रारम्भ पवित्र शास्त्र बाइबिल के चार-सो समाचारो में मिलता है अथवहै अन्य समाचारो मे उन्ही घटनाओ को उसी तरह या भीं रूप मे लिखा गया है परन्तु येशु मस्सी की ये सत्य कथा पूर्ण रूप से लूका रूप से पूर्ण समाचार पर आधारित है। ( Real Story Of Santa Claus )
अब हम आपको उन सभी घटनाओ के बारे में बताने जा रहे है जो उस वक़्त में घटित हुई थी ताकि आप हर बात को सम्पूर्ण सत्य में जान सक। ( Real Story Of Santa Claus )
जिन दिनों औगुतास रोम का शासक और महान यहूदियों का राजा था उस समय परमेश्वर ने नारास्त शहर की एक कुवारी के पास ज़ेब्रिले स्वर्ग दूत को भजे उस कुवारी का नाम था मरिय। मरियम बहार से काम करके अपने घर लौटती है तभी उस वक़्त वह उनके कमरे में ज़ेब्रिले स्वर्ग दूत प्रकट होते है और वो मरियम से बोलते है की ( भयभीत ना हो मरियम आप पर परमेश्वर का अनुग्रह हुआ है आप गर्भवती होंगी और एक पुत्र उत्पन्न होंगे और आप उनका नाम येशु रखना ) तभी मरियम बोलती है की ये कैसे हो सकता है मे तो कुवारी हु तब वो ज़ेब्रिले स्वर्ग दूत उनका जवाब देते है की पवित्र पवित्र रहा जिसके कारन वे पवित्र बालक पवित्र पवित्र परवान परमेश्वर के पुत्र कहलायेंगे तथा उनके राज्य का कभी अंत ना होगा । ( Real Story Of Santa Claus )
उसके बाद मरियम यहूदियों के एक नगर अपनी चचेरी बहन अलिशबा जो स्वाम अद्भुत रूप से गर्भवती थी , उसके बाद अलिशबा मरियम को बोलती है की तुम सब स्त्रियों में धन्य हो तुम और धन्य हो वो बालक जो तुम जनोगी । अलिशबा बोलती है की जैसे ही मैंने तुम्हारा प्रमाण सुना बच्चा आनंद से मेरे गर्भ मे उछाल पड़ा फिर मरियम बोलती है की मेरे प्राण प्रभु की स्तुति करता है और मेरी आत्मा मेरे उदारता करता परमेश्वर मे खुश हुई है अब से सब युग के लोग मुझे धन्य कहेंगे । ( Stay connected with us for its next story [ इसकी अगली कहानी के लिए हमसे जुड़े रहें ] ) ( Real Story Of Santa Claus )
[ हम आपको येशु की कहानी को छोटे भाग में बताने जा रहे है और अगर आप येशु की पूरी कहानी जानने के इच्छुक है तो हम बहुत जल्द ही आपके लिए लेकर आएंगे [ दा स्टोरी ऑफ़ जीसस सीरीज ] आपको इसके लिए हमारे साथ जुड़े रहना होगा duniyakagyan.in से। ] ( Real Story Of Santa Claus )
जीसस एक यहूदी नौजवान जिसने पहली शताब्दी मे ऐसे - ऐसे चमत्कार दिखाए जिनकी कल्पना करना आज भी मुश्किल है एक ऐसा मसीहा जिसने लोगो के अंदर से नकारात्मक शक्तियों को निकाला और उनका परिचय स्वर्ग से करवाया जिसने मारे हुए जीवित करके साबित किया की वो आम इंसान नहीं है कुछ लोग उसे भगवान् का पुत्र समझते थे और कुछ लोग भगवान लेकिन कुछ लोगो ने उनको ही सूली पर चढ़ा दिया जीसस का जीवन बेहद रहस्मयी था ( Real Story Of Santa Claus )
बारह वर्ष की उम्र में अचानक जेरुसलम से गायब हो गए और अठारा लम्बे वर्षो के बाद वो वापिस लौट आये आखिर इन अहारा वर्षो तक वो कहा थे सूली पर चढ़ने के बाद क्या उनकी मौत हो गयी थी या कही ऐसा तो नहीं की वो उसके बाद भी जीवित थे । आखिर वो कोनसी प्रॉमिस लैंड थिई जिसके बारे में जीसस ने बात की थी जीसस का बनारस से क्या सम्बन्ध था ? आज हम इन्ही ही रेहासियो के बारे में जानेंगे । ( Real Story Of Santa Claus )
[ इसलिए आप आप हमारे साथ जुड़े रहिये हम आपको अभी जीसस से जुड़े कुछ जरुरी और रोमांचित जानकारिया देने वाले है जिसको जानने के बाद आपको बहुत कुछ नया जानने को मिलेगा और बहुत कुछ सिखने को मिलेगा । हम जानते है आप सोच रहे होंगे की हमने ऊपर आपको बताया है की हम आपको निचे जीसस का पूरा जीवन परिचय देने वाले है मगर हम आपके लिए जीसस से जुडी एक सीरीज लाने वाले है जिसमे आप जीसस और शैतान दोनों के बारे में विस्तार पूर्वक जान पाएंगे। ] ( Real Story Of Santa Claus )
तो क्या आप जानते है की जीसस के अज्ञात वर्षो के बारे में कई तरह की अटकले लगायी जाती है लेकिन एक कहानी ऐसी भी है जिसके चिन्ह हमे नज़र आते है । ये कहानी है जीसस के भारत के साथ सम्बन्ध की , जीसस का जन्म जेरुसलम से दस किलोमीटर दक्षिण मे मौजूद देसलम मे हुआ था गॉस्पिल ऑफ़ मेथियम मे वर्णन मिलता है जीसस के जन्म के बाद तीन व्यक्ति पूर्व से उन्हें ढूंढ़ते हुए आये थे जिन्हे थ्री वौइस् मैन ( Three वौइस् Man ) के नाम से जाना जाता है । ( Real Story Of Santa Claus )
लोगो ने अनुमान लगाया की वो लोग इराक , ईरान या सौथी अरेबिअ से आये होंगे लेकिन किसी के दिमाग मे भारत का ख्याल नहीं आया इस बात का इशारा हमे इतहास मे जाकर मिलता है लिब्नान मे तीन हज़ार वर्ष पुराना आलबिक टेम्पल मौजूद है इसे बनाते समय भारत के लेबर और हाथियों का इस्तमाल किया गया इस बात के आधार मौजूद है भारतीयों कारगो ने जहा भी काम किया है वहा अपनी निशानिया जरूर छोड़ी है। आलबिक टेम्पल के पिल्लर्स के ऊपर आपको कमल दिखयी देते है जो सिर्फ भारत मे पाया जाता है और लिबनॉन मे ये कमल का फूल कही भी मौजूद नहीं था इसके अलावा हमारे भारत में अपने गुरु की पूजा करने का एक पारम्परिक तरीका मौजूद है । ( Real Story Of Santa Claus )
जिसे सुदेषा उपचार कहा जाता है इस अनुष्ठान के लिए पत्थर को इस तरह तराशा जाता है जिसमे सोलह कोने मौजूद है इसको गुरु पूजा पीक कहा जाता है , ऐसा ही एक गुरु पूजा पीक लिबनॉन के मंदिर मे मौजूद है इस से पता चलता है की इन दो सभ्यताओं के बीच शुरुआत से ही वैपार जारी है और भारत से लोग वहा जाते रहे है उस समय भारत से लिबनॉन जाने का एकमात्र तरीका पैदल यात्रा करना था , जब वो व्यक्ति चार हज़ार किलोमीटर यात्रा करके लिबनॉन पहुंचे तो स्वाभाविक बात है की वो काम करके वहा से वापिस नहीं आये और वही बस गए और सहयद यही वजह थी की उन लोगो मे से किसी ने जीसस के जन्म के रूप में एक बड़ी संभावना को देखा और ये खबर भारत पहुंची , फिर भारत से तीन लोग वहा गए ये तीन लोग भी इतनी लम्बी यात्रा करके जीसस के पास पहुंचे और उन्होंने जीसस के बड़े होने का इंतज़ार किया। ( Real Story Of Santa Claus )
फिर अचानक बढ़ा वर्ष की आयु में जीसस जेरुसलम से गायब हो गए , भारत में आध्यात्मिक शिक्षा देने की उम्र बारह वर्ष ही होती है। अठारा वर्षो के बाद जीसस वापिस जेरुसलम लौटे , ऐसा माना जाता है उन अठारा वर्षो के लिए जीसस भारत मे थे जहा उन्होंने गहन तपस्या और योग किया अब उनका , व्यक्तित्व कुछ और ही था अब उनकी आँखों मे बुद्धिमाक्ता और आत्मज्ञान की चमक थी अब जीसस कुछ वर्ष यहाँ रहे फिर उन्हें सूली पर चढ़ा दिया गया , कहा जाता है की जीसस के दुश्मनो के साथ-साथ कुछ ऐसे लोग भी वह मौजूद थे जो उनसे बेहद प्यार करते थे। ( Real Story Of Santa Claus )
जिन्होंने उन्हे क्रूस से उतराने का हर संभव प्रयास किया होगा इतहास मे तरह-तरह की बातें की जाती है जैसे क्रॉस मे लटकाने के बाद जीसस को उतार के ताबूत में रखा गया। कुछ लोगो के अनुसार उनका शरीर गायब हो गया लेकिन एक किस्सा ऐसा भी है जो उनके भारत के साथ सम्बन्ध को और भी ठोस करता है कहा जाता है उनके प्रिय जानो ने उन्हें क्रॉस से उतार लिया और लेकर चले गए और उन्होंने ऐसी अफवा फैलाई की जीसस का शरीर गायब हो गया है वहाँ आसानी समाज के लोग भी रहते थे , जिनका कहना था उनके गुरु हिमालय से आये थे , इसलिए जीसस को लेने आये वो तीन लोग भारत से हो इसमे कोई मुश्किल नहीं है अब इसके बाद इतहास मे हमे वर्णन मिलता है ( Real Story Of Santa Claus )
कि मेर्री मेडुलन कुछ साथियो के साथ पूर्व कि यात्रा करती है उनकी तबियत ख़राब होने कि वजह से वो यात्रा नहीं कर पाती और रास्ते में कुछ जगहों पर ठहरती है ऐसी दुनिया मे कई जगह मौजूद है जैसे कि फ्रांस के दक्षिण भाग मे मौजूद सेंट बॉम्ब आज भी ईसाइयो के तीर्थ का स्थान है अब बनारस के प्राचीन इतहास मे वर्णन मिलता है कि दो व्यक्ति मध्य पूर्व से बनारस आये थे और इसमे से एक व्यक्ति पूरी तरह गायब था उसका नाम क्रिस्टो था और दूसरे व्यक्ति का नाम थॉमस था आज भी भारत मे ईसाई लोग थॉमस के भारत आने का जशन मानते है । ( Real Story Of Santa Claus )
कुछ समय वाराणसी मे बिताने के बाद थॉमस के भारत से जाने का वर्णन मिलता है वो त्रिवणाणलै गए और उन्हें योग का अभ्यास शुरू किया फिर केरला जाकर एक छोटा सा मंदिर बनाया , फिर गुजरात जाकर उन्होंने देश छोड़ दिया लेकिन जीसस के बारे मे कोई वर्णन कोई वर्णन नहीं मिलता लेकिन एक और ऐसा सबूत है जो जीसस को कश्मीर से जोड़ता है , कहा जाता है कि जीसस कश्मीर चले गए और वहाँ उन्होंने जीवन व्यतीत किया उनकी मृत्यु दरअसल इकहत्तर वर्ष कि आयु मे हुई थी वहाँ मौजूद लोगो का दावा है कि वहाँ जीसस कि कबर मौजूद है ये समाधि कश्मीर के पहल गाओ मे मौजूद है जिसे स्थानीय लोग जीसस कि कब्र मानते आये है । ( Real Story Of Santa Claus )
अगर कश्मीरी लोगो को देखा जाए तो जातीय टूर पर उनका रूप भारतीयों जैसा नहीं है दरअसल वो लोग यहूदियों से मिलते है कही कश्मीर ही प्रॉमिस लैंड तो नहीं थी जिसके बात जीसस ने अपने लोगो से कि थी वो उन्हें यहाँ लाना चाहते थे जीसस को भारत से जोड़ती ये कहानी उन लोगो का द्रण विश्वास है और ये किस्सा सदियों से चला आया है हम इसकी सचाई के बारे मे नहीं जानते लेकिन सबूत कुछ ऐसा इशारा जरूर कर रहे है कि इसमशीहा का भारत से कोई गहरा नाता जरूर था ( Real Story Of Santa Claus )
तो ये थी जीसस के बारे में कुछ मुख्या जानकारी हम आशा करते है है कि आपको बेहद ही अच्छा लगा होगा। ( Real Story Of Santa Claus )
तो चलिए शुरू करते है अब हम आपको सेंट निकोलस के बार मे कुछ जानकारी देने वाले है , सेंट निकोलस के बारे मे ज्यादा जानकारी तो नहीं है मगर उनसे जुड़ी जितनी जानकारी हमे अज्ञात हुई है वो हम आपके साथ साझा करने वाले है ( Real Story Of Santa Claus )
सेंट निकोलस ( Saint Nicholas ) :- ( Real Story Of Santa Claus )
हर साल समूर्ण कलीसिया छह दिसंबर को सेंट निकोलस का पर्व मानती है निसंध्य वो सबके सबसे ज्यादा पसंदीदा संत है इतहासिक टूर पर उनके जीवन और मृत्यु के बारे मे हमे ज्यादा जानकारी नहीं मिलती है सिवाए इसके कि वो चौथी शताब्दी मे कुछ समय के लिए एशिया माइनर के मायरा शहर के धर्माध्यक्ष थे वे तीर्थ यात्रा के लिए के लिए पवित्र भूमि येरूशलेम गए थे और वही से लौटते हुए मायरा चले गए थे और वहाँ सुबह-सुबह चर्च मे प्राथना करने गए वहाँ कुछ ही दिन पहले मायरा के धर्माध्यक्ष कि मृत्यु हो गयी थी और वहाँ के पुरोहितो ने ये निर्णय लिया था कि जो भी सबसे पहले चर्च मे आएगा उसे मायरा का धर्माध्यक्ष बना दिया जायेगा और संत निकोलस सबसे पहले प्राथना के लिए चर्च पहुंचे। ( Real Story Of Santa Claus )
और उन्हें धर्माध्यक्ष चुना गया , राजा दयाकली के अत्याचारों के समय उन्हे बंधी बनाया गया लेकिन राजा कोंस्टनटिन के आग्रह पर उन्हें छोड़ दिया गया था संत निकोलस ने सन १९२५ ईसवी मे प्रथम कौंसिल ऑफ़ निस तिया मे भाग लिया और एरियान हेरिसी का खंडन किया , उनके बारे मे ऐसा कहा जाता है कि वे बेहद ही दानवीर और दया के रास्ते पर चलने वाले व्यक्ति थे। एक बार कि बात है कि एक व्यक्ति अपनी तीन बेटियों कि शादियों पर दहेज़ ना दे पानी के कारण अपनी बेटियों को व्यापार के लिए बेचने वाला था तब संत निकोलस ने उन तीन बेटियों को अपनी साड़ी संपत्ति देकर बचा लिया था संत निकोलस कि मृत्यु के बाद म्यारा के च्रिस्तिओ ने उनकी याद और सम्मान मे रात मे बच्चो को सरप्राइज गिफ्ट देने आरम्भ कर दिए। ( Real Story Of Santa Claus )
धीरे-धीरे यही प्रथा क्रिसमस के रूप मे बदल गयी और क्रिसमस कि रात मे संत निकोलस के नाम पर बच्चो को उपहार दिए जाने लगे ऐसे ही उनका नाम प्रसिद्ध हुआ और लोगो ने उनका नाम परिवर्तित करके सेंटा क्लॉस रख दिया । १०८७ ईसवी मे संत निकोलस के अवशेष मायरा के गिरजाघर से चोरी गए थे जिन्हे बाद एमी भारतीयों नाविकों या व्यापारियों द्वारा बरी मे जो की दक्षिणी इटली में है वापिस लाया गया और आज भी बरी मे स्तिथ संत निकोलस के चर्च मे उन्हें सम्मान दिया जा रहा है। उनकी मध्यस्ता से प्राथना करने से बहुत से लोगो के जीवन मे चमत्कार भी होते है वे मल्हाहो और यात्रियों के संरक्षक संत माने जाते है वे सभी बच्चो और निर्दोष लोगो कि रक्षा करने वाले भी है और एशिया , ग्रीस , सिसिली , जोराइन , हिमरिक , और नेपल्स के संरक्षक संत भी माने जाते है। ( Real Story Of Santa Claus )
आईये आज हम भी संत निकोलस से प्राथना करे हे प्रभु हमे भी उनकी तरह जरुरतमंदो की मदद करने वाला जीवन जीने मे हमारी सहायता करे । ( Real Story Of Santa Claus )
तो ये थी संत निकोलस से जुड़ी हुई मौखिक रूप से जानकारी हम आशा करते के आपको आपके सभी प्रश्नो का उत्तर मिल गया होगा। ( Real Story Of Santa Claus )
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